लोगों की राय

नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है

रौशनी महकती है

सत्य प्रकाश शर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15468
आईएसबीएन :978-1-61301-551-3

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह


83

बात इतनी-सी मोहतरम रखना


बात इतनी-सी मोहतरम रखना
हौसला सख़्त, दिल नरम रखना

मयक़दा छोड़ने का दम रखना
प्यास का क़द अना से कम रखना

बन्द करना न मयक़दा इन पर
पीने वालों पे कुछ करम रखना

जिसको परहेज़ हो वफ़ाओं से
उसके कूचे में मत क़दम रखना

दिल की वीरानियों से अच्छा है
ख़ूबसूरत कोई भरम रखना

0 0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book