लोगों की राय

नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है

रौशनी महकती है

सत्य प्रकाश शर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15468
आईएसबीएन :978-1-61301-551-3

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह


81

मैं अश्कों की रवानी लिख रहा हूँ


मैं अश्कों की रवानी लिख रहा हूँ
ग़ज़ल में इक कहानी लिख रहा हूँ

लुगत में जिनकी बाबत कुछ नहीं है
मैं उन लफ़्ज़ों के मा‘नी लिख रहा हूँ

समन्दर अपने तेवर लिख रहा है
मैं फिर कश्ती पुरानी लिख रहा हूँ

वही मौसम बदलता जा रहा है
मैं जिसके रंग धानी लिख रहा हूँ

मुसलसल दिल पे चोटें पड़ रही हैं
मुसलसल मेहरबानी लिख रहा हूँ

0 0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book