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सूक्ति प्रकाश

डॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15420
आईएसबीएन :978-1-61301-658-9

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1000 सूक्तियों का अनुपम संग्रह


आखिरकार जाति सिर्फ एक है-मानवजाति।
-जॉर्ज मूर
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गाँधी के शिक्षण का निचोड़ मैंने तीन शब्दों में पाया है : (१) 'सत्य'-जीवन का लक्ष्य, (२) 'संयम'-जीवन की पद्धति, (३) 'सेवा'-जीवन का कार्य।
-विनोबा
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जहाँ प्रेम है वहाँ जीवन है, जहाँ घृणा है वहाँ विनाश है।     
- गाँधी
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जीवन का एक क्षण करोड़ स्वर्ण मुद्रा देने पर भी नहीं मिल सकता।
- चाणक्य नीति
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जो अच्छा या बुरा छूकर, खाकर, सूंघकर, देखकर, सुनकर, न तो खुश होता है न नाखुश, उसको जितेन्द्रिय पुरुष जानना।
- मनु
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दुनिया में इस तरह रहे-आँखों से देखे, कानों से सुने, मगर मुँह से कुछ न कहे।
- गोरखनाथ
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'लटके' रहकर जीना दुःखदायी वस्तु है, वह तो मकड़ी की जिंदगी है।     
- स्विफ्ट
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ऐ जिंदगी, दुःखी के लिये तू एक युग है, सुखी के लिये एक क्षण।
- बेकन
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सबसे उत्तम जिहाद वह है जो आत्म-विजय के लिये किया जाय।
- मुहम्मद
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संसार का मित्र होने का सूत्र जिह्वा में है।
- डॉ. विश्वकर्मा
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जो जीवन का लोभ छोड़कर जीता है, वही जीता है।
- गाँधी
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उन्हीं का जीवन सफल है जो खुद तंग हाल होते हुए भी दूसरों की जरूरतों को पहले पूरा करने की कोशिश करते हैं।
- कुरान
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खद मर कर औरों को जीवित रहने देने की तैयारी में ही मनुष्य की विशेषता है।
- गांधी
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जीवन को वही समझता है जो प्रेम करता है और दान करता है।
- स्टीफ़न ज्विग
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निश्चय करने वाला दिल, योजना बनाने वाला मन और अमल करने वाला हाथ।
- गिवन
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अपना जीवन लेने के लिये नहीं, देने के लिये है।
- विवेकानन्द
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जिस तरह, जबसे दुनिया शुरू हुई है कोई सच्चा काम कभी फिजूल नहीं गया, उसी तरह, कोई सच्चा जीवन कभी असफल नहीं हुआ।
- इमर्सन
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जीवन का अधिकांशतः भाग-बुलबुला है; दो चीजें पत्थर के समान खड़ी हैं दूसरे के दुःख में दया और अपने दुःख में हिम्मत।
- अज्ञात
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भूलों के साथ संग्राम करना ही जीवन है।
- गाँधी
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कर्म का ही दूसरा नाम जीवन है; निकम्मे का अस्तित्व है, पर वह जीवित नहीं।  
- हिलर्ड
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पवित्र जीवन एक आवाज है; वह तब बोलती है जब जबान खामोश होती है।
- अज्ञात
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पहले ईश्वर को प्राप्त करो और तब धन प्राप्त करो; इससे उल्टा करने की कोशिश न करो। अगर आध्यात्मिकता प्राप्त करने के बाद, तुम सांसारिक जीवन बसर करोगे, तो तुम मन की शान्ति को कभी नहीं खोओगे।
- रामकृष्ण परमहंस
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प्राचीन काल के सुप्रसिद्ध महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना अपनी जिन्दगी को बचपन की स्थिति में गुजारना है।
- प्लुटार्क
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जीवित कौन? जो सत्य के लिये हर वक्त मरने को तैयार है।
- स्वामी रामतीर्थ
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