नई पुस्तकें >> सूक्ति प्रकाश सूक्ति प्रकाशडॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा
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1000 सूक्तियों का अनुपम संग्रह
गरीब रोटी ढूँढ़ता है और अमीर भूख।
- डेनिश कहावत
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आहिस्ता चलने से न डर, सिर्फ डर चुपचाप खड़ा रहने से।
- चीनी कहावत
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गरीबी जब स्वेच्छा से अपनायी जाती है, कदापि बुरी नहीं है, बल्कि वीरता का रूप अख्तियार कर लेती है।
- हैजलिट
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जो अपने लिये मांगने का दरवाजा खोलता है, खुदा उसके लिये गरीबी का दरवाजा खोल देगा।
- मुहम्मद
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गधा रेशमी वस्त्र पहिन ले तो भी लोग उसे गधा ही कहेंगे।
- अज्ञात
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थोड़ा पढ़ा-लिखा ज्यादा अहंकारी होता है।
- डॉ. विश्वकर्मा
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दावत वाले घर की बनिस्वत मातम वाले घर जाना बेहतर है।
- अज्ञात
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गिरजा घर के पास ईश्वर से दूर।
- इटालियन कहावत
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गरूर ऐश्वर्य की उपज है।
- अज्ञात
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गीता में भगवान कहते हैं-'मैं पीछे हूँ तू आगे चल'!
- श्री ब्रह्मचैतन्य
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गलती को खुले तौर से मान लेना गलती करने वाले के लिये आरोग्यप्रद औषधि के समान है।
- कहावत
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कोई आदमी बहुत सी और बड़ी-बड़ी गलतियाँ किये वगैर कभी महान या भला नहीं बना।
- ग्लेड्स्टन
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निजी सद्गुणों के सिवाय कुछ भी शाश्वत नहीं है।
- वाल्ट हिटमैन
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घोड़ा अपने साज से नहीं अपने गुणों से जाना जाता है, उसी तरह आदमी की कद्र दौलत से नहीं, सद्गुणशीलता से होती है।
- सुकरात
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जो पढ़ता है उसमें मूर्खता नहीं रह सकती, जो जप करता है उसमें पाप नहीं रह सकते, जो जागरित है उसको कोई भय नहीं सता सकता, जो मौनी है उसका किसी से कलह नहीं हो सकता।
- संस्कृत सूक्ति
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उत्तमता गुणों से आती है, ऊँचे आसन पर बैठ जाने से नहीं, महल के शिखर पर बैठ जाने से कौवा क्या गरूड़ हो जाता है?
- चाणक्यनीति
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शत्रु के भी गुण ले ले, गुरु के दोष भी छोड़ दे।
- चाणक्यनीति
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लोहे की जंजीरों से सोने की जंजीरें ज्यादा खराब हैं।
- गाँधी
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कौवे की चोंच को सोने से मदिये, उसके पैरों को मणिक से जड़िये और उसके हर एक पंख में मोती पिरोइये, तो भी वह कौवा ही रहेगा, राजहंस नहीं हो जायगा।
- अज्ञात
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अपनी प्रिय पत्नी से हास-परिहास करने में जो वक्त गुजारा जाता है, गृहस्थाश्रमी पुरुष के लिये वही श्रेष्ठ लाभ है।
- भगवान श्रीकृष्ण
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एक चीज है जो योग्यता से कहीं ज्यादा विरल, सूक्ष्म और दुर्लभ है। वह है योग्यता को पहचानने की योग्यता।
- अज्ञात
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शद्गुणशील, मुंसिफ मिजाज और दानिशमंद आदमी तब तक नहीं बोलता जब। तक खामोशी नहीं हो जाती।
- सादी
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चार हजार वचनों में से मैंने चार गुण चुने हैं, जिनमें से दो को सदा याद रखना चाहिए-यानि मालिक और मौत, और दो को भूल जाना चाहिए यानि भलाई जो तू किसी के साथ करे और बुराई जो कोई तेरे साथ करे।
- लुकमान
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