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चेतना के सप्त स्वर

डॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :156
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15414
आईएसबीएन :978-1-61301-678-7

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डॉ. ओ३म् प्रकाश विश्वकर्मा की भार्गदर्शक कविताएँ

आचार्य डा० रामकृष्ण आर्य

पूर्व परीक्षा केन्द्र व्यवस्थापक .
अ.भा. धार्मिकाध्यात्मिक संस्कृत विद्यापीठ
भारत धर्म महामण्डल काशी
चौऋषि धाम आयुर्वेद आश्रम
उदैतपुर बिठूर, गबड़हा, कानपुर

संदेश

"चेतना के सप्त स्वर" डा. ओ३म प्रकाश जी विश्वकर्मा द्वारा हमारे समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं अन्धविश्वास में भटक रहे नर नारियों को सज्ञान देकर मानव के कर्तव्यों के द्वारा सुख, शान्ति, समृद्धिकाजीवन जीने की कलाओं को अपने काव्य संग्रह में दर्शाया है। इस काव्य रचनाओं के अध्ययन का लाभ समाज को मिलेगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस काव्य रचना के माध्यम से एक नए कर्तव्यनिष्ठ संस्कारित समाजका उदय होगा।

इनकी कार्य शैली एवं विचार काव्यमय जीवन के लिए परमात्मा से मंगलमय जीवन की कामना करता हूँ।

शुभेच्छु

आचार्य डॉ० रामकृष्ण आर्य


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