नई पुस्तकें >> चेतना के सप्त स्वर चेतना के सप्त स्वरडॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा
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डॉ. ओ३म् प्रकाश विश्वकर्मा की भार्गदर्शक कविताएँ
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भारतीय कवितायें
कुछ पल बाद प्रकाश भी होगा
जब दिल होगा तो दर्द भी होगा,
जब दर्द हो तो एहसास भी होगा।
हो लाख बेगानी दुनिया ये
कोई तो अपना खास भी होगा।१
कथनी करनी में भेद छोड़ दे,
इससे तेरा विकास ही होगा।
असफलता से मत घबरा,
एक दिवस तू पास ही होगा।।२
मन क्यों डरता है? पतझड़ से,
एक दिवस मधुमास भी होगा।
कब तक ठहरेगी? रात अंधेरी,
कुछ पल बाद 'प्रकाश' भी होगा।।३
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