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उपयोगी हिंदी व्याकरण

भारतीय साहित्य संग्रह

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प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :400
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 12546
आईएसबीएन :1234567890

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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक

वचन


हिंदी में दो वचन होते हैं — एकवचन और बहुवचन। यदि केवल एक लड़का या एक किताब, या एक पेड़ दिखाई पड़ रहा है, तो एकवचन है, और, यदि दो/दो से अधिक लड़के, किताबें, या पेड़ हैं तो बहुवचन है।

वचन के साथ गणनीय अगणनीय वाला भेद जुड़ा है — कुछ संज्ञाएँ गणनीय होती हैं और कुछ अगणनीय: आदमी, मेज, किताब पेंसिल आदि गिनी जा सकती हैं और गिनकर बताया जा सकता है कि उनका कौन-सा समूह बड़ा है, किन्तु आटा, दूध, पानी, सोना को गिना नहीं जा सकता है, केवल माप-तौल से बताया जा सकता है कि कौन-सा नमूना अधिक है, कौन-सा कम। अतएव गणनीय संज्ञाएँ वे हैं, जो गिने जा सकने वाले व्यक्तियों, प्राणियों और वस्तुओं का बोध कराती हैं, इनके साथ संख्यावाचक विशेषणों का प्रयोग हो सकता है और जातिवाचक संज्ञाएँ इस भेद के अंतर्गत आती हैं। अगणनीय संज्ञाएँ वे हैं जो गिनी नहीं जा सकती हैं, जिन्हें केवल मापा-नापा-तोला जा सकता है, जिनके साथ परिमाणवाचक विशेषण लगते हैं और इस भेद के अंतर्गत एकवचन में प्रयुक्त समूहवाचक, द्रव्यवाचक और भाववाचक आते हैं।

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