लोगों की राय

नई पुस्तकें >> लेख-आलेख

लेख-आलेख

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :207
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10544
आईएसबीएन :9781613016374

Like this Hindi book 0

समसामयिक विषयों पर सुधीर निगम के लेख


लड़के ने कहा, ´´ठीक है, मैं तुम्हारी मदद करूंगा, पर समस्या यह है कि मेरे पास अपना कोई हथियार नहीं है। बापू के पास एक कुल्हाड़ा है जरूर पर वह जंगल में लाने के लिए कभी नहीं देता। उसे डर है कि कहीं मैं खेल-खेल में पेड़ों को न काटने लगूं और इस कारण वन अधिकारी मुझे पकड़ लें।´´

मोर तरकीब सोचने लगा। थोड़ी देर बाद बोला, ´´सुनो, एक उपाय है। तुम्हारे जूते भैंस की खाल के बने हैं, इनका तल्ला काफी मोटा है। तुम अगर सांप की पूंछ पर जोर से कूद पड़ो तो उसकी पूंछ कट जाएगी। मैं उसे उस टीले के नीचे ले आऊंगा। तुम ऊपर खड़े रहना। जैसे ही मैं ´याऊं´ बोलूं तुम कूद पड़ना और भाग जाना। पूंछ कटने पर सांप तुम्हारा पीछा करने के बजाय अपनी कटी पूंछ को लेकर रोता रहेगा। बोलो, कोई शक या...।´´

´´हां, एक शंका है।´´

´´कैसी शंका?´´

´´अगर मेरे कूदने के बाद भी सांप की पूंछ न कटी, सिर्फ घाव होकर रह गया तो?´´

मोर हंसा और बोला, ´´तब तो, भइए, और भी अच्छा हो जाएगा। उसके घाव में चीटियां लग जाएंगी। परेशान होकर मुझसे ही आकर चिरौरी करेगा कि मैं अपनी चोंच से उसकी पूंछ काटकर अलग कर दूं जिससे उसका घाव सड़ने से बच जाए।´´

लड़के को तसल्ली हो गई। योजनानुसार वह टीले से सांप के ऊपर कूदा पर ऐन वक्त पर सांप आगे सरक गया और बच गया। गुस्साए सांप ने पलटकर लड़के को डस लिया और वह तत्काल मर गया।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book