लोगों की राय

नई पुस्तकें >> लेख-आलेख

लेख-आलेख

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :207
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10544
आईएसबीएन :9781613016374

Like this Hindi book 0

समसामयिक विषयों पर सुधीर निगम के लेख


मनुष्य की फितरत होती है कि वह हर उस व्यक्ति या वस्तु का दुरुपयोग करने से नहीं चूकता जो उसे समर्पित होती है। इसी कारण मेरा भी गलत प्रयोग हुआ। मुगल बादशाह अकबर ने अपने शहजादे सलीम की प्रेमिका अनारकली को दीवार में चुनवा दिया। उसे जहर देकर, फांसी या सूली चढ़ाकर या आधम खां की तरह, महल के ऊपर से धक्का देकर भी मारा जा सकता था। पर नहीं, मुझे बदनाम जो करना था कि अनारकली दीवार में चुन दी गई। सच कहती हूं उस नाज़नीन को अपने आगोश में जीवित लेते हुए मुझे सख़्त अफसोस हुआ। अनारकली ने मुझसे कहा था कि आप मुझे कुछ सांसें देती रहें, मेरा सलीम रात के अंधेरे में कुदाल लेकर आएगा और मुझे आजाद करके ले जाएगा। मैंने उसे सुबह तक जीवित रखा। मैं जानती थी, सलीम कभी नहीं आएगा, और वह नहीं आया।

अकबर ने अनारकली को दीवार में ही क्यों चुनवाया, इसका कारण किसी इतिहास की पुस्तक में दर्ज नहीं है। लेकिन आप मुझसे सुन लीजिए। अकबर जब छोटा था तब, दवाब की राजनीति के तहत, उसे काबुल के एक किले की दीवार से बांध दिया गया था जिसके कारण हुमाऊं को झुकना पड़ा। जब कुछ बड़ा हुआ तो उसके अब्बा हुजूर दीवार से गिरकर सीढ़ियों पर लुढ़कते चले गए और इंतकाल फरमा गए; जब और बड़ा हुआ तो राजपूतों से लड़ने निकला। उनके किले की दीवारों ने उसका रास्ता रोका तो राजपूतों की इज्ज़त की दीवार में सेंध लगाकर राजपुत्रियां हासिल कर लीं और जीत का जश्न मनाया। क्या ऐसा आदमी दीवार से नफरत नहीं करेगा जिसकी नसों में शुद्ध मंगोली खून दौड़ रहा हो। सभी जानते हैं कि उस समय तक मंगोल तंबुओं में रहते थे क्योंकि उन्हें दीवारों से नफरत थी।

औरंगजेब के जमाने में ऐसा ही एक दुखद वाकया और हुआ। गुरु गोबिंद सिंह की राजधानी पर औरंगजेब ने अचानक घेरा डाला तो उन्हें पलायन करना पड़ा। हड़बड़ी में उनके दो बच्चे, नौ वर्षीय जोराबर सिंह और सात वर्षीय फतेह सिंह गायब हो गए। गंगू सोइयां नामक एक दुष्ट ने इन्हें सरहिन्द के शासक वजीर खां के हाथों सौंप दिया। बच्चों से इस्लाम धर्म स्वीकार करने को कहा गया तो, पितृ-संस्कार के कारण उन्होंने मना कर दिया। बस, इस कारण उन्हें दीवार में चुनवा दिया गया।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book