जीवनी/आत्मकथा >> कवि प्रदीप कवि प्रदीपसुधीर निगम
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राष्ट्रीय चेतना और देशभक्तिपरक गीतों के सर्वश्रेष्ठ रचयिता पं. प्रदीप की संक्षिप्त जीवनी- शब्द संख्या 12 हजार।
गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी
मुझसे वरिष्ठ थे वे, उम्र में भी और सृजन में भी। कलमकार के अलावा वे एक उम्दा गायक भी थे।
गीतकार प्रेम धवन
सदियों बाद ऐसा बिरला रचनाकार पैदा होता है।
पत्रकार पी.डी. टंडन
जिस दिन पं. प्रदीप को ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ मिला दुनिया जान गई कि वे अमर गीतकार थे। उन्होंने अमर पंक्तियां लिखी, हिंदी भाषा की महिमा बढ़ाई और लोगों में हिंदी भाषा को बिना किसी वाद-विवाद के लोकप्रिय बना दिया।
अविनाश पांडेय, अध्यक्ष, कवि प्रदीप फाउन्डेशन
ऋषि तुल्य इस गांधीवादी साहित्यकार (प्रदीप) में ममता एवं वैराग्य का असीम भंडार था जिसकी थाह आज तक कोई नहीं पा सका और कवि प्रदीप के साहित्य के भंडार में गंभीरता से झांकने का प्रयास भी नहीं किया।
कवि, लेखक डॉ. दिनेश चंद्र अवस्थी
क्रूर शासकों के शासन काल में देशभक्ति के गीत लिखना, देशवासियों को स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए ललकारना, प्रेरित करना, शासकों को देश छोड़ने के लिए कहना क्या आसान था! लेकिन कवि प्रदीप ने ऐसा शौर्य भरा साहस किया। इसके लिए हमारा समाज उनके प्रति जितना भी आभार प्रकट करे, वह कम ही है।
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