लोगों की राय
पढ़िए, पश्चिम के विलक्षण इतिहासकार की संक्षिप्त जीवन-गाथा- शब्द संख्या 8 हजार...
हेरादोतस ने ऐसी कई कथाएं भी अपनी पुस्तक में सम्मिलित की हैं जिनमें कुछ हद तक परी-कथाओं जैसा आस्वाद है। ऐसी कथाएं थोड़े शब्दों में कहानी का नैतिक-बोध सामने लाती हैं। ऐसी ही एक कहानी राजा केनडाउलीज के अंगरक्षक जिगीज की है जिसने रानी के कहने पर राज्य का खूब विस्तार किया। अपनी पत्नी के सौंदर्य से अभिभूत राजा ने जिगीज को खुश करने के लिए उसे अपनी पत्नी को नग्नावस्था में दिखाने की योजना बनाई। जिगीज ने छिपकर रानी का नग्न रूप देखा, पर जब वह छिपने के स्थान से निकलकर बाहर जा रहा था, रानी ने उसे देख लिया। रानी का क्रोध राजा पर था क्योंकि उसने उसे शर्मसार किया था। उसने जिगीज से कहा कि वह राजा का वध कर दे। उसने वैसा ही किया और फिर राजा बन बैठा। इस प्रकार हेरादोतस काम और सत्ता के प्रश्न उठाते हैं और ये कहानियां उनके इतिहास की मुख्य कथाएं बन जाती हैं।
आधुनिक विद्वानों का मत है कि हेरेाडोटस की इस्तेरिया को इतिहास नहीं कहा जा सकता। उसने पुस्तक में भौगोलिक विवरणों, लोक कथाओं और नैतिक कथाओं, विभिन्न विज्ञानों के संबंध में अध्ययनों, गप्पों और सामाचार कथाओं का परस्पर घालमेल किया है। इस कारण उस पर अशुद्धता का और कान का कच्चा होने का आरोप लगाया जाता है।
हेरादोतस की आलोचना के अन्य कारण भी रहे हैं, यथा- अनुकूल घटनाओं में वह सीधा-सीधा दैवीय शक्तियों को हस्तक्षेप मानता था। आमतौर पर यह माना जाता था, जैसा कि आज भी माना जाता है, कि देवता लोगों की सहायता के लिए दखल देते हैं। इसके अतिरिक्त पुस्तक में ऐसे अनेक अनुच्छेद हैं जिनमें वह सावधानीपूर्वक अपना निर्णय लेते हुए यह प्रश्न अनुत्तरित छोड़ देता है कि किसी विशेष काम में ईश्वर ने दखल दिया है या नहीं। ईरान के सम्राट जरक्सीज की पराजय पर हेरोडसेटस का मत था- ‘‘देवताओं और वीरों ने इस बात पर अनिच्छा प्रकट कि एक अपावन और घमंडी व्यक्ति को एशिया और यूरोप का बादशाह होना चाहिए।’’
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai