ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक) ऑथेलो (नाटक)रांगेय राघव
|
0 |
Othello का हिन्दी रूपान्तर
क्या खूब कहती है यह, लेकिन इसके पेशे की कोई भी औरत यही कहती! ये तो चाहे कितनी भी सीधी क्यों न हों यही कहेंगी, और क्या? यह तो बड़ी चालाक औरत मालूम होती है जो ऐसी लज्जाजनक बातों को ऐसे गुप्त रखती है मानो कोई अपनी गुप्त अलमारी में पत्रों को छिपाकर रखता हो। लेकिन मैंने तो उसे (कैसियो को) घुटनों के बल पर बैठकर प्रार्थना करते देखा है।
(डैसडेमोना और इमीलिया का प्रवेश)
डैसडेमोना : मेरे स्वामी, आपकी क्या इच्छा है?
ऑथेलो : आओ प्रिये! मेरे निकट आओ!
डैसडेमोना : क्या आज्ञा है?
ऑथेलो : मुझे अपनी आँखें देखने दो, मेरी तरफ देखो...
डैसडेमोना : यह कैसा भयानक विचार है...
ऑथेलो : (इमीलिया से) अब अपना रोज़ का काम करो, प्रेमियों को भीतर छोड़कर दरवाज़े पर पहरा दो, कोई आए तो खाँसना, कूखना! अपना काम करो, अपना काम! जाओ!
(इमीलिया का प्रस्थान)
डैसडेमोना : मैं आपसे सविनय पूछती हूँ कि आप कहना क्या चाहते हो? आपकी बात के पीछे एक गुस्सा छिपा है जैसे आपके दिमाग में बड़ी भयानक हलचल मच रही है।
ऑथेलो : क्यों? तुम हो कौन?
डैसडेमोना : आपकी पवित्र और पतिव्रता पत्नी हूँ!
|