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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

लोडोविको : क्या यही वह वीर मूर है, जिसको हमारी सिनेट ने प्रत्येक रूप से योग्य ठहराया था! क्या यह वही व्यक्ति है जिसे आवेश कभी विचलित नहीं करता था! क्या यही है वह व्यक्ति जिसे किसी प्रकार की दुर्घटना या दुर्भाग्य प्रभावित नहीं करते थे?

इआगो : अब वे बहुत बदल गए हैं।

लोडोविको : दिमाग तो ठीक है न? क्या कुछ गड़बड़ी तो नहीं है?

इआगो : जो है सो है-लेकिन मुझे इस विषय पर अपनी राय नहीं देनी चाहिए। मैं तो परमात्मा से यही प्रार्थना करता हूँ कि यदि वे नहीं हैं, तो वैसे ही हो जाएँ जैसे उन्हें होना चाहिए।

लोडोविको : अरे, पत्नी पर हाथ उठाना!

इआगो : निश्चय; यह बहुत बुरा था। मुझे तो यही निश्चय करना है कि यही सबसे घातक आघात था!  

लोडोविको : क्या उन्हें आदत है या पत्रों ने उन्हें आवेश से भर दिया था और उनमें यह दोष भर दिया था?

इआगो : हंत! निश्चय ही मेरे लिए न यह उचित ही होगा, न ठीक ही कि मैं उसको कह दूँ जो मैंने जाना और देखा है। आप भी उन्हें देखेंगे ही तो स्वयं ही न आप सब कुछ देख लें! इससे मेरी रक्षा हो जाएगी। उनके पीछे जाइए और देखिए वे क्या-क्या करते हैं!

लोडोविको : मुझे यह देखकर बड़ा दुःख हुआ है कि जो मैंने सोचा वह वैसा नहीं हुआ। 

(प्रस्थान)

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