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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

दृश्य - 4

(दुर्ग के सामने)

(डैसडेमोना, इमीलिया और विदूषक का प्रवेश)

डैसडेमोना : क्यों जी, तुम्हें पता है कि कैसियो कहाँ है? ( यहाँ मूल में स्पमे शब्द का प्रयोग हुआ है। स्पमे के दो अर्थ हैं- कहाँ पड़ा है अर्थात् कहाँ है और दूसरा अर्थ है- कहाँ झूठ बोल रहा है। डैसडेमोना स्पमे का अर्थ लेती है-कहाँ है और विदूषक अर्थ लेता है-कहाँ झूठ बोल रहा है। उससे हास्य उत्पन्न होता है। यह कोई उच्चकोटि का हास्य नहीं है। किन्तु हमें याद रखना चाहिए कि शेक्सपियर के नाटक खेले जाते थे और दर्शकों में सभी दर्जे के लोग आते थे। उन्हें भी उसे सन्तुष्ट करना पड़ता था। अनुवाद में हम हिन्दी में ऐसा शब्द नहीं ढूँढ़ सके जिसका स्पमे का सा प्रयोग हो सके और दोनों अर्थ एकसाथ निकल सकें, इसलिए हमने परिर्वतन किया है।)

विदूषक : क्या जाने कहाँ है?

डैसडेमोना : क्यों?

विदूषक : वह एक योद्धा है और लड़ाकू का गलत पता देना मानो मौत को बुलाना है।

डैसडेमोना : चलो हटो! कहाँ रहता है वह!

विदूषक : इसे बताने का अर्थ है मैं झूठ बोलूँ!

डैसडेमोना : इसका मतलब?

विदूषक : मैं नहीं जानता वह कहाँ रहता है, और गलत बता दूँ तो वह झूठ ही है।

डैसडेमोना : तुम उसके बारे में पूछताछ कर पता चला सकते हो?

विदूषक : मैं उसके लिए सारे जहान से सवाल कर सकता हूँ और इस तरीके के सवालों से आपको जवाब देने लायक बन सकता हूँ।

डैसडेमोना : तो उसकी तलाश करो! उसे यहाँ आने की आज्ञा दो! उससे कहना, मैंने उसकी बात अपने स्वामी तक पहुँचा दी है और आशा करती हूँ सब ठीक होगा।

विदूषक : यह काम तो इंसान की अक्ल के दायरे के भीतर का ही है और इसलिए मैं इसे करने की कोशिश कर सकता हूँ। 

(प्रस्थान)

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