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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

दृश्य - 1

(दुर्ग के सामने)

(कैसियो तथा कुछ गायकों का प्रवेश; साथ में विदूषक हैं।)

कैसियो : उस्तादो! यहाँ गाइए! मैं आपके परिश्रम के लिए आपको संतुष्ट कर दूँगा। जनरल के स्वागत में एक छोटी-सी तान छेड़ दीजिए!

(संगीत)

विदूषक : वाह उस्तादो, क्या आपके बाजे नेपल्स होकर आए हैं कि वे नाक के सुर से अलाप रहे हैं?

एक संगीतज्ञ : कैसे जनाब?

विदूषक : क्या ये सब हवाई बाजे हैं?

एक संगीतज्ञ : मेरी की कसम, आप ही जो बताएँ?

विदूषक : अरे इसमें तो एक किस्सा है। यह लो उस्तादो! अपना इनाम! जनरल आपके संगीत से इतने खुश हो गए हैं कि मुहब्बत की खातिर वे चाहते हैं कि आप अब और शोरगुल न करें।

एक संगीतज्ञ : अच्छी बात है जनाब! हम चुप हैं।

विदूषक : अगर आपके पास कोई ऐसा संगीत हो जो सुनाई न दे तो उसे छेड़ दें! जनरल उस संगीत को पसन्द नहीं करते जो सुनाई दे जाता है।

एक संगीतज्ञ : माफ कीजिए! ऐसा कोई संगीत हमारे हुनर में नहीं।

विदूषक : तो अपने बाजे अपने थैलों में रखिए और हवा में गायब हो जाइए!

(संगीतज्ञों का प्रस्थान)

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