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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

मोनटानो : क्यों लेफ्टिनेण्ट! क्या तुम्हारे जनरल का विवाह हो गया है?

कैसियो : निश्चय! उनका विवाह तो बड़ा आनन्ददायी रहा है उन्हें। जिस स्त्री से उन्होंने विवाह किया है उसका मैं किन शब्दों में वर्णन करूँ! और यौवन की जितनी सुन्दर कथाएँ आपने सुनी हैं वे तो पीछे रह गईं; वह इतनी सुन्दर है कि कल्पना के पंख भी उसे उड़कर पार नहीं कर पाते। कवियों की कलम उसका वर्णन नहीं कर सकती। चित्रकारों की तूलिकाएँ वे रंग नहीं दरसा सकतीं।

(दूसरे नागरिक का पुन: प्रवेश)

कैसियो : बताइए! कौन आए हैं?

दूसरा नागरिक : यह तो कोई इआगो हैं। जनरल के एन्शेण्ट है।

कैसियो : अवश्य उसकी यात्रा बड़ी अच्छी रही होगी। भयानक तूफान और गरजती आँधियाँ, समुद्र के गर्भ में छिपे प्रतारक जन्तु जो अनजाने जहाज़ों का सब कुछ नष्ट करने को विह्वल रहते हैं, और न सिर्फ अनगढ़ चट्टानें ही, परंतु सर्वग्राहिणी दलदलें भी। इन सबकी भी विध्वंसक प्रकृति जैसे नष्ट हो गई है क्योंकि डैसडेमोना के सौन्दर्य ने मानो उनपर जादू कर दिया है, तभी तो उसका जहाज इतनी सुगमता से बिना किसी हानि के इतनी शीघ्र आ पहुँचा?

मोनटानो : यह डैसडेमोना कौन है?

कैसियो : वही तो, जिसके बारे में मैंने अभी कहा, हमारे संचालक का संचालन करनेवाली शक्ति। वह इसी वीर इआगो की संरक्षता में भेजी गई थी और आशा से एक सप्ताह पूर्व ही आ पहुँची है। देवाधिदेव जूपिटर! ऑथेलो की रक्षा करो! तुम ही उसकी पालों में अपना प्रचंड श्वास भरकर उन्हें फुला दो, ताकि उसका शानदार जहाज़ सुरक्षित-सा इस खाड़ी में आ पहुँचे! वह आए और डैसडेमोना की बांहों में शान्ति पाए! हमारे बुझे हुए हृदयों को फिर से ज्योतित कर दो और सारे साइप्रस में हर्ष और सुख फैला दो।

(डैसडेमोना, इमीलिया, इआगो, रोडरिगो और सेवकों का प्रवेश)

कैसियो : वह देखिए! जहाज़ का खज़ाना किनारे पर उतर आया है। अरे साइप्रस के निवासियो! आदर और प्रेम से उसके सामने घुटने टेक कर प्रणाम करो! स्वागत! देवी, स्वागत! ईश्वर की असीम अनुकम्पा आपको कवच की भाँति घेरे रहे।!

डैसडेमोना : धन्यवाद वीर कैसियो! मेरे स्वामी के बारे में क्या सँवाद है?

कैसियो : वे अभी नहीं आए हैं और सिवाय इसके कि वे सकुशल हैं और शीघ्र ही आ पहुँचेगे, मैं तो कुछ भी नहीं जानता।

डैसडेमोना : मुझे चिन्ता हो रही है। आप उनके साथ थे। अलग कैसे हो गए?

कैसियो : समुद्र की भयानक लहरों और तूफान के झकोरों ने हमें अलग कर दिया।

(नेपथ्य में ‘पाल! जहाज!' तोपों का गर्जन)

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