ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक) ऑथेलो (नाटक)रांगेय राघव
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Othello का हिन्दी रूपान्तर
डैसडेमोना :
गीत
चीड़ के ऊँचे घने तरु की सलोनी छाँह में,
दीन मन कितनी न भर ली आह है
गीत गाती जा सलोनी बेल से
हृदय पर रखकर, धरे शिशु जानु पर,
गीत गाती जा सलोनी बेल से
विमल झरने बह रहे मृदु शब्द कर
वेदना उनकी बनी मर-मर मंदिर
गीत गाती जा सलोनी बेल से
अह बहते नयन से उर क्षार-भर
पिघलते पाषाप के भी वज्र स्तर...
जल्दी जाओ, वे आते होंगे!
गीत
यह बने गलहार मेरा बेल ही
दोष दो उसको न कोई तुम कहीं,
बहुत निर्दयता दिखाए बह कहीं
तो मुझे वह प्रिय लगे, सुन्दर यहीं...
वह कपड़े नहीं...सुनो! कोई द्वार खटखटाता है...
इमीलिया : वह तो हवा है।
डैसडेमोना :
गीत
झूठ मैंने प्यार को अपने कहा
जानती हो तब सजन ने क्या कहा
गीत गाती जा सलोनी बेल से
यदि करूँ वह प्रेम पर-नारी मिले
तो पुरुष-पर देख तेरा मन खिले-
अच्छा, तू जा! गुडनाइट! मेरी आँखों में दर्द हो रहा है। क्या मुझे रोना पड़ेगा?
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