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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

डैसडेमोना :

गीत

चीड़ के ऊँचे घने तरु की सलोनी छाँह में,

दीन मन कितनी न भर ली आह है

गीत गाती जा सलोनी बेल से

हृदय पर रखकर, धरे शिशु जानु पर,

गीत गाती जा सलोनी बेल से

विमल झरने बह रहे मृदु शब्द कर

वेदना उनकी बनी मर-मर मंदिर

गीत गाती जा सलोनी बेल से

अह बहते नयन से उर क्षार-भर

पिघलते पाषाप के भी वज्र स्तर...

जल्दी जाओ, वे आते होंगे!

गीत

यह बने गलहार मेरा बेल ही 

दोष दो उसको न कोई तुम कहीं,

बहुत निर्दयता दिखाए बह कहीं

तो मुझे वह प्रिय लगे, सुन्दर यहीं...

वह कपड़े नहीं...सुनो! कोई द्वार खटखटाता है...

इमीलिया : वह तो हवा है।

डैसडेमोना :

गीत

झूठ मैंने प्यार को अपने कहा

जानती हो तब सजन ने क्या कहा

गीत गाती जा सलोनी बेल से

यदि करूँ वह प्रेम पर-नारी मिले

तो पुरुष-पर देख तेरा मन खिले-

अच्छा, तू जा! गुडनाइट! मेरी आँखों में दर्द हो रहा है। क्या मुझे रोना पड़ेगा?

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